उप परियोजना योजना प्रस्तुत करने की प्रक्रियाः
कोई ईआईए जो एनडीपी-I के तहत किसी भी घटक/उप घटक के लिए अनुदान सहायता प्राप्त करना चाहती हो उसे वित्तीय सहायता के लिए पीएमयू को उप- परियोजना योजना(एस पी पी) आवेदन के साथ (एक निर्धारित प्रारूप में) देनी होगी। उप परियोजना योजना बनाने के लिए एनडीडीबी अनुरोध पर ईआईए को तकनीकी सहायता प्रदान कर सकती है।
पात्रता मानदंड के आधार पर ईआईए की जांच
यह जांच की जायेगी कि क्या ईआईए आवश्यक पात्रता मानदंडों (सामान्य मानदंड राज्य/ईआईए को लागू तथा तकनीकी मानदंड संबंधित घटक(कों) अथवा उप-घटक(कों) को लागू) को पूरा करती है।
ईआईए द्वारा पात्रता मानदंडों को पूरा करने पर ही उसकी योजना को आगे प्रक्रिया के लिए ले जाया जायेगा।
एसपीपी के मूल्यांकन के लिए मानदंड -
पात्रता मानदंड को पूरा करने वाली ईआईए की योजना का निम्नलिखित प्रत्येक व्यापक विषयों के विभिन्न पहलुओं पर अंकलन किया जायेगाः
- तकनीकी (उप परियोजना के निर्धारित लक्ष्यों) सहित
- वित्तीय
- माल की खरीद, कार्यों, गैर परामर्श सेवाएं तथा परामर्श सेवाएं
- पर्यावरण एवं सामाजिक
एसपीपी को तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश में दिए गए मुख्य प्रश्नों पर ईआईए के जवाब, मूल्यांकन प्रक्रिया और उपरोक्त क्षेत्रों में दृढता का आंकलन का आधार बनेंगे और इस तरह उसकी उप परियोजना लागू करने तथा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की क्षमता जानी जाएगी।
प्रायः उप- परियोजना का मूल्यांकन करने के लिए तकनीकी एवं वित्त विशेषज्ञों की टीम द्वारा कार्यक्षेत्र का दौरा किया जायेगा। दौरा करने वाली टीम तटस्थ मूल्यांकन करती है तथा उप परियोजना योजना के अनुमोदन के लिए स्पष्ट सिफारिश करती है। टीम विशेष रुप से निम्नलिखित क्षेत्रों पर विचार करेगी तथा उप परियोजना के कार्यान्वयन के लिए प्रासंगिक प्रत्येक क्षेत्रों की उपयुक्तता/पर्याप्तता/तैयारी के लिए राय/सिफारिश करेगी।
- समान परियोजनाएं कार्यान्वित करने में ईआईए की शक्ति
- बुनियादी सुविधाएं
- कार्यक्षेत्र की सुविधाएं
- मुख्य मानवशक्ति
- काम करने की प्रतिबद्धता और इच्छा
- कार्य संस्कृति तथा वातावरण
- लंबी अवधि के उद्देश्य
- सफलता की कहानियां
- वित्तीय स्थिरता
- निरंतरता
- हितधारकों का योगदान
मूल्यांकन प्रक्रिया का समापन
संबंधित तकनीकी समूह, पर्यावरण तथा सामाजिक प्रबंधन प्रकोष्ठ (ई एंड एस पहलूओं पर), परियोजना वित्त और मूल्यांकन, अधिप्राप्ति समूह और कार्यक्षेत्र के दौरे की रिपोर्ट की सिफारिशें प्राप्त होने पर, पीएमयू उप परियोजना प्रस्ताव की विसंगतताओं की जांच करेगी कि क्या उसमे नीहित धारणाएँ वैध हैं और ऐसी धारणाओं का वित्तीय निहितार्थ, क्या सभी प्रासंगिक खर्च (संपत्ति की मरम्मत और रख रखाव समेत) पर्याप्त रूप से उल्लेख किए गए हैं, और ईआईए का वित्तीय प्रबंधन क्षमताएँ। इसके पश्चात उप परियोजना योजना का पूर्ण मूल्यांकन किया जायेगा।
सिफारिशों के आधार पर उप परियोजना योजना संशोधित की जा सकती है तथा पीएमयू द्वारा ‘अनुदान सहायता की मंजूरी के लिए टिप्पणी’ तैयार की जायेगी और अनुमोदन के लिए परियोजना संचालन समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। यह टिप्पणी निम्नलिखित पहलुओं पर स्पष्ट सिफारिशें देगीः
- योजना के प्रौद्योगिकी गुण
- व्यापकता,कीर्तिमानकों की तुलना में निर्धारित लक्ष्यों की व्यावहारिकता
- प्रशिक्षित मानव संसाधन, बुनियादी ढांचे और इसी तर्ज पर अतीत की उपलब्धियां के मामले में ईआईए की शक्ति
- सामाजिक और पर्यावरण के मुद्दों पर संभावित प्रभाव का यथोचित महत्व
- अपेक्षित उत्पादनों का स्पष्ट विवरण तथा/अथवा मात्रा निर्धारण।
एसपीपी का अनुमोदन
मंजूरी के लिए टिप्पणी की सिफारिशों के आधार पर पीएससी एसपीपी का अनुमोदन करेगी।
स्वीकृति पत्र जारी
पीएससी द्वारा उप परियोजना प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद पीएमयू स्वीकृति और अनुदान सहायता का अनुमोदन के बारे में संबंधित ईआईए को स्वीकृति पत्र द्वारा, जिसमें कि नियम एवं शर्तें शामिल हों, से सूचित करेगा।