जीवनक्षम घर की दहलीज तक कृत्रिम गर्भाधान सुविधाओं के लिए पायलट मॉडल
एनडीपी-I के अंत तक प्रजनक पशुओं के गर्भाधान का मौजूदा स्तर 25% से बढ़ाकर 35% करने का लक्ष्य है. 35% प्रजनन योग्य पशुओं के गर्भाधान के लिए एनडीपी-I के अंत तक वार्षिक कृत्रिम गर्भाधान के मौजूदा 5 करोड़ के स्तर को बढ़ाकर 9 करोड़ करना होगा.
कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं के विस्तार से संबंधित सभी गतिविधियों को भारत सरकार की राष्ट्रीय गाय-बैल परियोजना तथा भैस प्रजनन (एन पी सी बी बी) के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जाएगा. हालांकि व्यावसायिक सेवा प्रदाता के माध्यम से जीवनक्षम घर की दहलीज तक कृत्रिम गर्भाधान सुविधाओं के लिए एनडीपी-I के अंतर्गत एक पायलट मॉडल प्रोत्साहित किया जाएगा. उसे एस ओ पी के आधार पर कार्य करना चाहिए.
यह परिकल्पना है कि यह प्रायोगिक परियोजना पांच वर्ष में आत्मनिर्भर हो जाएगी और पांच साल बाद बिना बाहरी वित्तीय सहायता के कृत्रिम गर्भाधान सुविधाएं उपलब्ध कराती रहेगी। यह अनुमान है कि इस प्रायोगिक परियोजना में करीब 3000 प्रशिक्षित मोबाइल कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों को लिया जाएगा और वार्षिक तौर पर लगभग 40 लाख कृत्रिम गर्भाधान निष्पादित किए जाएंगे. एनडीपी-I के अंत तक ये आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो जाएगा.