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आकलित प्रजनन मूल्‍य – एक संक्षिप्‍त विवरण

1. आकलित प्रजनन मूल्‍य पशुओं की वास्‍तविक आनुवंशिक क्षमता या आनुवंशिक स्‍थानान्‍तरण गुण को प्रदर्शित करते हैं । विशिष्‍ट पशुओं के लिए उनके माता-पिता, भाई-बहनों, संततियों तथा उनके स्‍वयं के विभिन्‍न पर्यावरणीय कारकों जैसे झुंड (उस प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हैं, जिसमें पशु ने परफार्म किया है), ब्‍याने का माह/मौसम तथा दूध की रिकार्डिंग का महीना (इसमें से दोनों यह जानकारी उपलब्‍ध कराते हैं कि समय कैसे परफार्मेंस को प्रभावित करता है), ब्‍याने के समय पशु की उम्र इत्‍यादि का आंकलन किया जाता है । मादा संतानों के परफार्मेंस में भी उनकी माताओं के परफार्मेंस स्‍तर के लिए सुधार किया जाता है ।
जब माता-पिता का चुनाव उनके श्रेष्ठ विश्‍वसनीय प्रजनन मूल्‍यों के आधार पर किया जाता है, तो बाद की आबादी में शीघ्र आनुवंशिक विकास की संभावना होती है । इसलिए विश्‍वसनीय प्रजनन मूल्‍यों का आंकलन आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम के लिए महत्‍वपूर्ण घटक होता है।

2. प्रजनन मूल्‍यों के आंकलन में प्रत्‍येक लक्षणों का आंकलन किया जाता है जैसे पहले दूधकाल मे 305 दिन मे दूध प्राप्ति, फैट प्राप्ति, फैट %, प्रोटीन प्राप्ति, प्रोटीन %, सर्विस अवधि , प्रति गर्भधारण कृत्रिम गर्भाधानों की संख्‍या, दो ब्‍यांतों के बीच की अवधि इत्‍यादि।

3. प्रयुक्‍त आंकड़े: राष्‍ट्रीय डेरी योजना-। के अंतर्गत, 5 गाय – भैंसो की प्रमुख नस्‍लों (शुद्ध एचएफ, एचएफसीबी, जर्सी सीबी, मुर्रा तथा महेसाना) के लिए 13 संतति परीक्षण परियोजनाओं का कार्यान्‍वयन विभिन्‍न अंतिम कार्यान्‍वयन एजेंसियों (ईआईए) के द्वारा किया गया । इन कार्यक्रमों में दूध की रिकार्डिंग के अंतर्गत रखे गए पशुओं की संताने मादा हैं और इन्हे इस परियोजना में संचालित कृत्रिम गर्भाधान परीक्षणों के अंतर्गत रजिस्टर किया गया है । ईआईए 305 दिन मानक दूध उत्पादन की रिकार्डिंग करने के लिए परियोजना क्षेत्रों में आधिकारिक दूध रिकार्डर की नियुक्‍त करती है । दूधपशुओं का दूध निकालने के लिए दूध रिकार्डर मासिक अंतराल पर पूर्व निर्धारित समय में सुबह एवं शाम दोनों समय किसानों के घर पर जाता है। वह उत्‍पादित दूध की मात्रा को मापने के लिए एक दूध मापक जार का प्रयोग करता है तथा सुबह एवं शाम दोनों समय में उत्‍पादित दूध की ऑनलाइन प्रविष्टि प्रणाली – इनाफ में आंकड़ों की प्रविष्टि करता है । इस प्रणाली में आंकड़ों के संग्रहण की अधिक सृदृढ़ सत्यापन व्यवस्था है । इसमें प्रविष्‍ट आंकड़ों को इस प्रणाली से पुन: प्राप्‍त किया जाता है तथा मानक आंकड़ों को संपादित करने के बाद प्रजनन मूल्‍य आंकलन हेतु इसका प्रयोग किया जाता है।

4. आंकड़ा विश्‍लेषण तथा प्रस्तुतीकरण: प्रजनन मूल्‍यों के आंकलन हेतु टेस्‍ट डे रैंडम रेग्रेसन मॉडल का उपयोग किया जाता है जिसमें मानक मुक्‍त स्रोत सॉफ्टवेयर का इस्लेमाल किया जाता है । सांख्यिकीय पद्धतियों के प्रयोग द्वारा विश्लेषण से प्राप्‍त टेस्‍ट-डे प्रजनन मूल्‍यों (बीवी) को 305 दिन दूध उत्पादन प्रजनन मूल्‍यों (बीवी) में परिवर्तित किया जाता है । कच्चे आकड़ों (रॉ डाटा) से सांड़वार मादा संतानों की संख्‍या तथा उनके मानक दूध उत्‍पादन की गणना की जाती है । विश्‍वसनीयता आंकलन, मादा संतानों की संख्‍या तथा उनका औसत दूध उत्‍पादन सहित प्रजनन मूल्‍यों (बीवी) का प्रदर्शन किया जाता है।

5. प्रजनन मूल्‍य की व्‍याख्‍या: +100 प्रजनन मूल्य वाले एक सांड का मतलब है कि औसतन सभी सांडों की बेटियों की आबादी की तुलना में सांड की बेटियों में 50 किलोग्राम अधिक दूध पैदा करने की आनुवंशिक क्षमता होती है। श्रेष्ठ प्रजनन मूल्‍य वाले सांड़ों की मादा संतान औसतन श्रेष्‍ठ होती है । नकारात्‍मक प्रजनन मूल्‍य वाले सांड़ से तात्‍पर्य है कि अन्‍य जांचे गए सांड़ों की तुलना में इस सांड़ की संतानों में दूध उत्‍पादन की औसतन आनुवंशिक क्षमता कम है । प्रजनन मूल्‍य को हमेशा उपलब्‍ध विश्‍वसनीयता आंकलन के साथ परखा जाना चाहिए। विश्‍वसनीयता का आंकलन प्रजनन मूल्‍य से जुड़ी त्रुटियों की जानकारी उपलब्‍ध कराता है । उदाहरण के लिए +100 प्रजनन मूल्‍य की 90% विश्‍वस‍नीयता से तात्‍पर्य है कि वास्‍तविक प्रजनन मूल्‍य +90 से +110 के स्‍तर के भीतर है, जबकि +100 प्रजनन मूल्‍य की +50% विश्‍वसनीयता से तात्‍पर्य है कि वास्‍तविक प्रजनन मूल्‍य +50 से +150 के स्‍तर के भीतर है।