श्री टी नंद कुमार
श्री टी नंद कुमार भाषण तस्वीरें
श्री नंद कुमार 1972 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए तथा उन्हें बिहार कैडर आवंटित किया गया । उन्होंने राज्य में मधुबनी तथा धनबाद जिले के जिलाधिकारी; गया के मंडल आयुक्त; तथा औद्योगिक सचिव, बिहार; अपर मुख्य सचिव, झारखंड सरकार इत्यादि के रूप कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया । उन्होंने हारवर्ड विश्वविद्यालय के साथ-साथ यू.के., फ्रांस तथा यू.एस. के विश्वविद्यालयों के विभिन्न अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी भाग लिया ।
उन्होंने स्पाइसेस बोर्ड, कोचीन, अधीनस्थ भारत सरकार में 5 वर्षों तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, उस समयावधि के दौरान डब्ल्यूटीओ शासन व्यवस्था में वैश्विक स्तर पर बदलाव हुआ । उनके द्वारा किए गए पृष्ठभूमि कार्य से स्पाइसेस बोर्ड के निर्यात में नियमित रूप से वृद्धि हुई। उन्होंने व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) में बांग्लादेश में 3 वर्षों के लिए समझौता भी किया ।
उनकी नियुक्ति 2006 में खाद्य सचिव, भारत सरकार तथा 2008 में कृषि सचिव, भारत सरकार के पद पर हुई थी तथा 2010 में उनकी सेवा निवृत्ति भी उसी पद से हुई थी । उन्होंने अपने कृषि सचिव के कार्यकाल के दौरान 2009 में सूखे की स्थिति को हैंडल किया ।
सेवा निवृत्ति के पश्चात, उन्हें सचिव, समिति के अध्यक्ष के रूप में खाद्य सुरक्षा के उभरते संकटों के संदर्भ में उर्वरकों के प्रयोग को अनुकूलित करने का एक विशेष कार्यभार सौंपा गया तथा अक्तूबर 2010 से फरवरी 2014 तक सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ -साथ राज्य मंत्री, भारत सरकार के पद पर कार्यरत थे ।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र (डब्ल्यूटीओ) जेनेवा द्वारा ‘’वैश्विक स्पाइस व्यापार पर उरूग्वे दौर का प्रभाव’’ पर उनके कार्य को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया । वह इकोनॉमिक्स टाइम्स, बिजनेस लाइन्स तथा इंडियन एक्सप्रेस में नियमित रूप से लिखते हैं । वह जम्मू एवं कश्मीर के नियोजन समिति, कोल्ड चैन इत्यादि की पदोन्नति समिति सहित योजना आयोग की कई समितियों के सदस्य भी रहे ।