संपूर्ण मिश्रित आहार (टीएमआर)
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संपूर्ण मिश्रित आहार (टीएमआर) डेरी गायों और भैंसों को पोषक तत्व प्रदान करने की एक कुशल प्रणाली है। 1950 के दशक से विकसित देशों में “संपूर्ण आहार” अथवा टीएमआर खिलाना प्रचलित है । डेरी पशुओं को संतुलित आहार उपलब्ध कराने के लिए पारंपरिक टीएमआर में कुट्टी किए गए हरे चारे अथवा साइलेज को अनाजों, अनाज के उप-उत्पादों, प्रोटीन स्रोतों, खनिजों, विटामिनों और विटामिनों तथा आहार योजकों के साथ मिलाया जाता है । हालांकि, भारत की मुख्य रूप से छोटे धारक वाली डेरी उत्पादन प्रणाली के लिए फसल अवशेष पर आधारित टीएमआर (जिसे 'सूखा टीएमआर' भी कहा जाता है) अधिक उपयुक्त है। इसका आसानी से परिवहन किया जा सकता है और पारंपरिक टीएमआर के विपरीत इसे कम से कम 2-3 सप्ताह के लिए संग्रहीत किया जा सकता है।
सूखे टीएमआर के निम्नलिखित लाभ हैं: -
इससे आहार ग्रहण में आसानी होती है, आहार की कम बर्बादी होती है, रूमेन के वातावरण को स्थिर बनाए रखता है और पाचन क्षमता में सुधार करता है।
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इससे पशुओं की दुग्धकाल की अवस्था को अनुकूलित किया जा सकता है । अतः इससे उत्पादकता में वृद्धि करने में योगदान मिलता है।
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इस टीएमआर के खुरदरे हिस्से में मुख्य रूप से फसल अवशेष जैसे गेहूं का भूसा, धान का भूसा, सूखे गन्ने का अग्रभाग इत्यादि शामिल हैं, जो स्थानीय स्तर पर भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं । इन फसल अवशेषों का उपयोग करने से इन्हें खेतों में जलने से रोका जा सकता है, इस प्रकार पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा रहा है ।
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इस प्रकार निर्मित टीएमआर समतुल्य पोषक घटक वाले पारंपरिक पशु आहार की तुलना में किफायती है।