परियोजना का संक्षिप्त विवरण
परियोजना का संक्षिप्त विवरण
भारत सरकार ने राष्ट्रीय डेरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) योजना के घटक ख के रूप में “सहकारिताओं के माध्यम से डेरी - स्थायी आजीविका की कुंजी” को स्वीकृति दी है। 03 अगस्त, 2021 को इस योजना के परिचालन से संबंधित दिशानिर्देशों के साथ प्रशासनिक अनुमोदन जारी किया गया था ।
परियोजना का उद्देश्य:
“किसानों की संगठित बाजार की पहुंच में वृद्धि करके दूध एवं डेरी उत्पादों की बिक्री बढ़ाना, डेरी प्रसंस्करण सुविधाओं और विपणन बुनियादी ढांचे का विकास करना और उत्पादक स्वामित्व वाली संस्थाओं की क्षमता में वृद्धि करना, जिससे परियोजना क्षेत्र में दूध उत्पादकों के लाभ में वृद्धि करने में योगदान दिया जा सके” ।
परियोजना क्षेत्र:
इस परियोजना में नौ राज्य, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, पंजाब, एवं उत्तराखंड के सभी जिले शामिल होंगे । उत्तराखंड राज्य में केवल चारा विकास से संबंधित गतिविधियों के लिए सहायता दी जाएगी ।
परियोजना की अवधि:
22 से 2025-26 तक है और 2027-28 तक जारी रहेगी।
परियोजना परिव्यय:
इस परियोजना का कुल परिव्यय 1568.28 करोड़ रुपये है जिसमें 924.56 करोड़ रुपये जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) से ओडीए ऋण के रूप में, 475.54 करोड़ रुपये भारत सरकार के योगदान के रूप में और 168.18 करोड़ रुपये राज्य/प्रतिभागी संस्था (पीआई) के योगदान के रूप में शामिल हैं।
परियोजना के घटक:
परियोजना के घटक इस प्रकार हैं:
I. दूध संकलन के बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण
II. दूध प्रसंस्करण की सुविधाएं और निर्माण सुविधाएं (दूध एवं दूध उत्पाद और पशु आहार)
III. विपणन के बुनियादी ढांचे में सहयोग
IV. आईसीटी के बुनियादी ढांचे में सहयोग
V. उत्पादकता वृद्धि
VI. परियोजना निगरानी और अध्ययन
VII. प्रशिक्षण और क्षमता का विकास
वित्त पोषण की व्यवस्था
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सं.
घटक/गतिविधियों का नाम
वित्त पोषण की व्यवस्था
I
दूध संकलन के बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण
- दूध संकलन सहायक उपकरण, ग्राम स्तर पर सभी दूध परीक्षण उपकरण और डेरी सहकारी समिति (डीसीएस) की स्थापना
अनुदान - 90%;
पीआई का योगदान – 10%
- ग्राम स्तरीय उत्पादकों की संस्था के लिए बीएमसी, एएमसीयू/डीपीएमसीयू और भवन पर पूंजीगत लागत
ऋण* - 50%,
अनुदान - 50%
II
दूध प्रसंस्करण सुविधाएं और निर्माण सुविधाएं (दूध एवं दूध उत्पाद तथा पशु आहार)
ऋण* - 90%
पीआई का योगदान – 10%
III
विपणन के बुनियादी ढांचे के लिए सहयोग
ऋण* - 80%
अनुदान - 20%
IV
आईसीटी के बुनियादी ढांचे के लिए सहयोग
V
उत्पादकता वृद्धि
अनुदान - 90%
पीआई का योगदान – 10%
VI
परियोजना निगरानी और अध्ययन/ परियोजना प्रबंधन और अध्ययन
अनुदान - 100% VII
प्रशिक्षण और क्षमता का विकास
अनुदान - 100% *सामान्य प्रशासन व्यय, कर और शुल्क, भूमि और अन्य रियल प्रॉपर्टि की खरीद, मुआवजा और अन्य अप्रत्यक्ष मदें वित्तपोषण के लिए पात्र नहीं हैं और उन्हें ऋण के रूप में प्रतिपूर्ति के लिए योग्य नहीं माना जाएगा।