नया पशु आहार
भैंस का आहार
भारत में दूध उत्पादन में भैंसों का 50 प्रतिशत से अधिक योगदान है। भैंस के दूध के घटक और आहार उपयोग दक्षता गाय से काफी भिन्न होती है। भैंस के दूध में गाय के दूध की तुलना में फैट, कुल ठोस, प्रोटीन, कैसिन, लैक्टोज और ऐश मौजूद होता है। इसके मद्देनज़र एक ऐसा आहार देना आवश्यक है जिससे ऊर्जा, प्रोटीन, खनिज, विटामिन इत्यादि के संबंधित भैंसों के पोषक तत्वों की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके ।
एनडीडीबी ने 'भैंस के आहार' के लिए विनिर्देश विकसित किए हैं और यह डेरी सहकारिताओं को प्रदान किए जा रहे हैं।
भैंस का आहार खिलाने के लाभ:
• दैनिक दूध उत्पादन में वृद्धि।
• दूध में अधिक फैट प्रतिशत।
• दुग्धकाल की निरंतरता ।
गर्भावस्था आहार
भ्रूण के तीव्र विकास दर के कारण गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में मादा पशु की पोषक तत्वों की आवश्यकता काफी बढ़ जाती है । इस अवधि के दौरान उचित पोषक तत्वों की आपूर्ति से भ्रूण का उचित विकास सुनिश्चित होता है जिसके परिणामस्वरूप जन्म के समय बछड़ा स्वस्थ होता है, ब्यांत के बाद दूध उत्पादन में वृद्धि होती है और मेटाबोलिक विकारों में कमी आती है। एनडीडीबी ने गर्भावस्था आहार के लिए विनिर्देश विकसित किए हैं जिसे पशुओं को गर्भावस्था के अंतिम दो महीनों के दौरान 3 किलोग्राम प्रतिदिन प्रतिपशु की दर से खिलाए जाने की सलाह दी गई है और इसे डेरी सहकारिताओं को भी प्रदान किया जा रहा है ।