हमारे बारे में
राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की स्थापना इस दृढ़ विश्वास में निहित है कि हमारे देश की सामाजिक – आर्थिक प्रगति मुख्य रूप से ग्रामीण भारत के विकास पर निर्भर करती है ।
डेरी बोर्ड की स्थापना उत्पादक के स्वामित्व एवं नियंत्रण वाली संस्थाओं को बढ़ावा देने, वित्त पोषण करने तथा सहयोग प्रदान करने के लिए की गई थी । एनडीडीबी द्वारा संचालित कार्यक्रम एवं गतिविधियां किसान स्वामित्व वाली संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए प्रयत्नशील रहती हैं तथा ऐसी संस्थाओं के विकास के लिए अनुकूल राष्ट्रीय नीतियों को सहयोग देती हैं । सहकारी नीति तथा सिद्धांत एनडीडीबी के प्रयासों का आधार है ।
एनडीडीबी के प्रयासों ने दूध उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाते हुए डेरी उद्योग को लाखों दूध उत्पादों के लिए एक स्थायी एवं लाभप्रद आर्थिक गतिविधि बनाकर भारत की ग्रामीण व्यवस्था में बदलाव किया ।
एनडीडीबी आय अर्जन की अन्य नवीन गतिविधियों को क्रियान्वित करते हुए डेरी किसानों तक पहुंच बना रही है तथा उन्हें स्थायी आजीविका प्रदान कर रही है ।