5 वर्ष तक वाराणसी दूध संघ का प्रबंधन करेगी एनडीडीबी
5 वर्ष तक वाराणसी दूध संघ का प्रबंधन करेगी एनडीडीबी
01 नवंबर 2021, आणंद: उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास में उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) से वाराणसी दूध संघ को पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रबंधित करने का अनुरोध किया है। एनडीडीबी ने राज्य के डेरी सहकारी व्यवसाय के सुदृढ़ीकरण से संबंधित अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। 1 नवंबर, 2021 को आयोजित एक वर्चुअल समारोह के दौरान, इस आशय के लिए उत्तर प्रदेश सरकार, प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि. (पीसीडीएफ), वाराणसी दूध संघ और एनडीडीबी के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्यपालन मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव श्री अतुल चतुर्वेदी, भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की संयुक्त सचिव (सीएंडडीडी) सुश्री वर्षा जोशी, एनडीडीबी के अध्यक्ष श्री मीनेश शाह, उत्तर प्रदेश सरकार के डेयरी विकास के प्रधान सचिव श्री सुधीर गर्ग, उत्तर प्रदेश सरकार के दुग्ध आयुक्त श्री शशि भूषण लाल सुशील, पीसीडीएफ के कार्यकारी प्रबंध निदेशक श्री रवि शंकर गुप्ता और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के सीईओ श्री अरुण मिश्रा ने इस समारोह की शोभा बढ़ाई ।
श्री चौधरी ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के हमारे माननीय प्रधानमंत्री के लक्ष्य के अनुरूप, एनडीडीबी की यह विकासात्मक पहल दूध उत्पादकों को प्रेरित करेगी और उन्हें आवश्यक आर्थिक सशक्ता प्रदान करेगी। इस एमओयू के होने से उत्तर प्रदेश के दूध उत्पादकों को बाजार की आवश्यक पहुंच उपलब्ध होगी और इसके साथ ही समग्र संचालन की स्थिरता और व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी । वाराणसी दूध संघ के डेरी संयंत्र को चलाने के लिए बायोगैस का उपयोग करना एक क्रांतिकारी पहल होगा । इस विशेष प्रौद्योगिकी संचालित पहल से अंततः ग्रामीण समृद्धि आएगी । उन्होंने पूरे भारत में आधुनिक डेरी संयंत्रों की स्थापना करने और उन्हें लाभदायक बनाने में एनडीडीबी की विशेषज्ञता की सराहना की ।
श्री चतुर्वेदी ने इस परियोजना को रिकॉर्ड समय में शुरू करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि दूध उत्पादन में वृद्धि करने के माननीय प्रधानमंत्री के स्वप्न को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश में प्रोजेक्ट गिर की शुरूआत की गई है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत शामिल किए गए गिर गायों का उपयोग आईवीएफ तकनीक के जरिए उत्पादकता को बढ़ाने के लिए किया जाएगा और शीघ्र ही वाराणसी दूध संघ संयंत्र में 2 लाख लीटर तक दूध की प्रोसेसिंग की जा सकेगी। आगे उन्होंने बताया कि वाराणसी दूध संघ देश का पहला ऐसा दूध संघ होगा, जिसमें बायोगैस पर आधारित ट्राई जेनरेशन संयंत्र लगाया जाएगा। इस संयंत्र से डेरी की संपूर्ण ऊर्जा की आवश्यकता पूरी होने की संभावना है तथा पारंपरिक ईंधनों के उपयोग में कमी लाकर कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की संभावना है ।
एनडीडीबी के अध्यक्ष ने वाराणसी दूध संघ को आवश्यक सहयोग देने का आश्वासन दिया ताकि वे अपने सदस्यों को बेहतर सेवा प्रदान कर सकें । उन्होंने कहा कि डेरी बोर्ड शासन की प्रक्रियाओं को दुरुस्त करने, दूध उत्पादकों को लाभकारी मूल्य दिलाने पर ध्यान देने और उपभोक्ताओं को सुरक्षित एवं स्वच्छ तरल दूध और दूध उत्पाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
सुश्री जोशी ने किसानों की आय में वृद्धि, महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण संरक्षण और उपयुक्त प्रौद्योगिकी का उपयोग किए जाने के माननीय प्रधानमंत्री के विज़न को पूरा करने के लिए साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता की बात की । उन्होंने बताया कि एनडीडीबी के सहयोग से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण परिवारों में आवश्यक बदलाव आएगा ।