माननीय केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने एनडीडीबी के ईआरपी सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया; एनडीडीबी के अध्यक्ष ने कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में केओएफ को 16.32 करोड़ रुपये का चेक सौंपा तथा केओएफ में धारा सूरजमुखी खाद्य तेल की कस्टम पैकिंग की शुरूआत
माननीय केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने एनडीडीबी के ईआरपी सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया; एनडीडीबी के अध्यक्ष ने कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में केओएफ को 16.32 करोड़ रुपये का चेक सौंपा तथा केओएफ में धारा सूरजमुखी खाद्य तेल की कस्टम पैकिंग की शुरूआत हुई
5 अप्रैल, 2022, नई दिल्ली: माननीय केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला ने 4 अप्रैल, 2022 को एनडीडीबी, नई दिल्ली में एनडीडीबी के इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग सॉफ्टवेयर (ईआरपी) का शुभारंभ किया। उनकी उपस्थिति में, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अध्यक्ष श्री मीनेश शाह ने कटाई के मौसम के दौरान उचित मूल्य पर तिलहन और खाद्य तेल की सोर्सिंग के लिए प्रतिवर्ष 6.25% के रियायती ब्याज दर पर अल्पकालिक कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में केओएफ को 16.32 करोड़ रुपये का चेक सौंपा। श्री रूपाला ने कर्नाटक सहकारी तिलहन उत्पादक महासंघ लिमिटेड (केओएफ), बेंगलुरु में धारा सूरजमुखी खाद्य तेल की कस्टम पैकिंग का भी शुभारंभ किया। श्री अन्नासाहेब शंकर जोल्ले, सांसद (लोकसभा) और अध्यक्ष, केओएफ तथा श्री इरन्ना कडाडी, सांसद (राज्यसभा) ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
श्री रूपाला ने बताया कि भारत खाद्य तेल की मांग को पूरा करने के लिए निरंतर आयात पर निर्भर है। उन्होंने आयातित खाद्य तेल पर देश की निर्भरता को कम करने में एनडीडीबी के हस्तक्षेप की मांग की और तिलहन उत्पादन की समस्या का व्यवस्थित तरीके से समाधान करने के लिए बोर्ड के प्रयासों की सराहना की। माननीय केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घरेलू तेल उत्पादन को तेजी से बढ़ाने की अनिवार्यता छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका में सुधार करने का एक सुअवसर है।
उन्होंने आगे कहा कि सहकारिताओं को सभी समस्याओं के समाधान के रूप में देखा जाता है। श्री रूपाला ने खाद्य तेलों की शुद्धता के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने खाद्य तेलों के लिए एक स्वस्थ सहकारी प्रणाली को भी प्राथमिकता दी ताकि मूंगफली उत्पादक किसान भी दूध उत्पादकों के समान लाभ कमा सकें।
खाद्य तेल की स्थिति पर एक प्रस्तुति देते हुए, एनडीडीबी अध्यक्ष ने कहा कि तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए, एनडीडीबी इस क्षेत्र में अपने अनुभव के आधार पर, चारा बीज उत्पादन, कार्यशील पूंजी और दीर्घकालिक ऋण की तर्ज पर गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन के लिए सहायता प्रदान कर सकती है जिसमें तेल प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग संयंत्रों का टर्नकी निष्पादन शामिल है । तिलहन सहकारिताओं के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार द्वारा डेरी सहकारिताओं के समान तिलहन उत्पादकों को ब्याज सहायता की योजनाएं और खरीद हेतु प्रोत्साहन मूल्य उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
श्री जोल्ले ने बताया कि 80 के दशक में एनडीडीबी ने ऑपरेशन गोल्डन फ्लो के अंतर्गत देश भर में खाद्य तेल सहकारिताओं की स्थापना करने में अहम भूमिका निभाई थी। एनडीडीबी स्वयं को पुनर्संलग्न कर रही है और केओएफ को सहयोग करने के लिए पहले से ही, कई उपायों की शुरूआत कर चुकी है। बोर्ड ने तिलहन सहकारिताओं के उपयोग हेतु एनडीडीबी के ईआरपी सॉफ्टवेयर को उचित रूप से संशोधित किया है। अब, एनडीडीबी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी मदर डेरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड (एमडीएफवीपीएल) ने 'धारा' ब्रांड के सूरजमुखी के तेल की पैकिंग और आपूर्ति के लिए केओएफ के साथ अनुबंध किया है। उन्होंने रियायती ब्याज दर पर अल्पकालिक कार्यशील पूंजी ऋण को मंजूरी देने के लिए एनडीडीबी का धन्यवाद किया ।