एनडीडीबी और केओएफ ने कर्नाटक में सूरजमुखी के बीज उत्पादन के लिए कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलौर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
एनडीडीबी और केओएफ ने कर्नाटक में सूरजमुखी के बीज उत्पादन के लिए कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलौर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
27 जून, 2022, अहमदाबाद: राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और कर्नाटक सहकारी तिलहन उत्पादक महासंघ लिमिटेड (केओएफ) ने कर्नाटक में व्यापक पैमाने पर सूरजमुखी के हाइब्रिड बीज के उत्पादन के लिए कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलोर (यूएएस-बैंगलोर) और भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य व्यावसायीकरण के लिए सूरजमुखी हाइब्रिड KBSH-41 को लाइसेंस देने का मार्ग प्रशस्त करना है।
भारत सरकार की माननीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा कारनदलाजे ने इसमें मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। कर्नाटक सरकार के माननीय कृषि मंत्री श्री बीसी पाटिल सम्मानित अतिथि थे। इस अवसर पर सांसद (लोकसभा) और केओएफ के अध्यक्ष श्री अन्नासाहेब शंकर जोले, एनडीडीबी के अध्यक्ष श्री मीनेश शाह और यूएएस-बंगलौर के कुलपति डॉ. एस राजेंद्र प्रसाद भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में सुश्री कारनदलाजे ने कहा कि यह महत्वपूर्ण अवसर खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आयातित खाद्य तेल पर देश की निर्भरता को कम करने में एनडीडीबी के सहयोग की मांग की और तिलहन क्षेत्र की मदद करने के बोर्ड के इरादे की सराहना की। माननीय केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाइब्रिड बीजों के विश्वसनीय स्रोतों की उपलब्धता एक बड़ी कमी बन गई है। उन्होंने सफल सूरजमुखी हाइब्रिड बीजों का व्यावसायिक उत्पादन करने के लिए एनडीडीबी और केओएफ के संयुक्त प्रयासों की सराहना की ताकि किसानों को बेहतर बीज उपलब्ध हो सकें।
श्री पाटिल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करके किसानों को कर्नाटक में सूरजमुखी के उत्पादन के लिए उत्साहित किया गया है। घरेलू खाद्य तेल उत्पादन को तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका में सुधार करने का एक सुअवसर है।
एनडीडीबी के अध्यक्ष ने कहा कि 80 के दशक में, एनडीडीबी ऑपरेशन गोल्डन फ्लो के अंतर्गत खाद्य तेल सहकारिताओं की स्थापना में शामिल थी। डेरी बोर्ड स्वयं को फिर से शामिल कर रही है। खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सरकार की पहल में सहयोग करने की दिशा में यह एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण पहला कदम है। एनडीडीबी और केओएफ किसानों को उचित मूल्यों पर उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराकर सूरजमुखी को पसंदीदा फसल पैदावारी के लिए प्रोत्साहित करेंगे। एनडीडीबी रबी 2022 में 5000 क्विंटल हाइब्रिड सूरजमुखी के बीजों के उत्पादन के लिए केओएफ के साथ काम करेगी – जो लगभग एक लाख हेक्टेयर में बुवाई के लिए पर्याप्त है। इसे कर्नाटक में और अधिक बढ़ाया जाएगा और अन्य राज्यों में भी दोहराया जाएगा।
श्री जोले ने बताया कि एनडीडीबी ने केओएफ को सहयोग देने के लिए पहले ही कई उपाय शुरू कर दिए हैं। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन संकट को देखते हुए, सूरजमुखी के तेल की भारी कमी है। इससे सूरजमुखी के बीजों की कीमतें बढ़ी हैं। हमारे किसान लाभार्जन के लिए सूरजमुखी के बीज के उत्पादन की फिर से शुरूआत कर सकते हैं।
डॉ. प्रसाद ने कहा कि एनडीडीबी और केओएफ ने सफल सूरजमुखी हाइब्रिड बीजों के व्यावसायिक उत्पादन के लिए यूएएस-बी से संपर्क किया है। इस प्रकार, इस समझौते से व्यापक पैमाने पर सूरजमुखी हाइब्रिड बीज उत्पादन को फिर से शुरूआत होगी।