बजट 2023-24 सहकारी और डेरी क्षेत्र के लिए एक स्वागत योग्य कदम है: अध्यक्ष, एनडीडीबी
बजट 2023-24 सहकारी और डेरी क्षेत्र के लिए एक स्वागत योग्य कदम है: अध्यक्ष, एनडीडीबी
श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी ने कृषि ऋण के लक्ष्य को पशुपालन, डेरी और मत्स्यपालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाए जाने के सरकार के ऐतिहासिक कदम का स्वागत किया । अमृत काल के पहले बजट में सहकारिता पर आधारित आर्थिक विकास मॉडल के माध्यम से पशुधन और डेरी क्षेत्र में विकास में तेजी लाने की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त है। पिछले वर्ष की तुलना में पशुपालन और डेरी के लिए बजटीय आवंटन में लगभग 40% की वृद्धि हुई है, जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र के महत्व के मद्देनज़र एक स्वागत योग्य कदम है।
अध्यक्ष, एनडीडीबी ने सहकारिता मंत्रालय की “सहकार से समृद्धि”' की संकल्पना को साकार करने वाले इस अधिदेश की सराहना की। अगले 5 वर्षों के दौरान, वंचित पंचायतों और गांवों में बहुउद्देशीय सहकारी समिति की स्थापना के साथ-साथ डेरी सहकारी समितियों की स्थापना से किसानों को बाजार की पहुंच उपलब्ध कराने, मुनाफे को बढ़ाने और इस प्रकार की सहकारी समितियों को स्थिरता प्रदान में मदद मिलेगी। सहकारी समितियों के देशव्यापी मानचित्रण से संबंधित राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के जरिए विभिन्न योजनाओं के निर्माण और कार्यक्रमों के,आयोजन की निगरानी और अधिक प्रभावी कार्यान्वयन में मदद मिलेगी ।
श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी ने माननीय प्रधानमंत्री के 'लाइफ (LiFE)' अथवा पर्यावरण के लिए जीवनशैली (Lifestyle for Environment) की संकल्पना का स्वागत किया। गोबरधन (गैल्वेनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन) के अंतर्गत 500 नए "अपशिष्ट से आमदनी’" संयंत्रों की स्थापना की संकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (CVB) संयंत्रों और 300 समुदाय या क्लस्टर-आधारित संयंत्रों की स्थापना के लिए 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी । उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और बायो गैस का विपणन कर रही संस्थाओं के लिए बजट में प्रस्तावित पांच प्रतिशत के सीबीजी अधिदेश से हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
उन्होंने 10,000 बायो-इनपुट संसाधन केंद्रों की स्थापना करके एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहयोग संबंधी पहल की भी सराहना की। इससे एक सुदृढ़ राष्ट्रीय स्तर का वितरण नेटवर्क निर्मित होगा जिससे एनडीडीबी की स्लरी पर आधारित जैव उर्वरकों के संवर्धन और विपणन को आगे बढ़ाने की पहल में मदद मिलेगी ।
नई विनिर्माण कंपनियों की तरह, नई सहकारी समितियों को 15 प्रतिशत के किफायती दर पर कर भुगतान के लाभ उपलब्ध कराने से नई सहकारी समितियों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा और आरंभिक चरण के दौरान वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी ।
अध्यक्ष, एनडीडीबी ने सहकारी समितियों की बिना टीडीएस कटौती के नकद आहरण सीमा को बढ़ाए जाने की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया । इसके तहत नकद निकासी की सीमा को मौजूदा सीमा 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये तक कर दिया गया है। टीडीएस के पुनर्भुगतान संबंधी दावे के लिए प्रयत्नों में कमी आएगी और समय की बचत होगी।
उन्होंने कहा कि यह बजट किसान हितैषी, पर्यावरण सहायक और विकास केंद्रित है। बजट 2023-24 में ग्रामीण और सहकारी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है जिससे हमारे लाखों किसानों का जीवन स्तर में निश्चित बदलाव होगा और डेरी क्षेत्र को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।