Address by Shri Meenesh Shah, Chairman, NDDB at Gobar Se Samruddhi lokarpan and launch of Shishu Sanjeevani event - 22 May 2023
“Gobar Se Samruddhi” lokarpan & launch of Shishu‑Sanjeevani event
22nd May, 2023 – Pune
Address by Shri Meenesh Shah, Chairman, NDDB
माननीय केंद्रीय मंत्री, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन, श्री परशोत्तम रुपाला जी,
माननीय नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा महाराष्ट्र, श्री अजित पवार जी,
अध्यक्ष, पुणे दुग्ध संघ- श्रीमती केशरताई पवार,
अध्यक्ष, कोल्हापुर दुग्ध संघ- श्री विश्वासराव पाटिल,
Director, भंडारा दुग्ध संघ- श्री विनायक सोमाजी बुरदे,
CEO, Sistema - श्री पीयूष सोहानी तथा यहॉं बड़ी संख्या में उपस्थित दुग्ध उत्पादकों, तथा किसान भाइयों, बहनों, गढ़चिरौली की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और प्यारें बच्चों।
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मैं,आप सभी का ‘गोबर से समृद्धि’ के लोकार्पण और ‘शिशु संजीवनी’ के लॉंच कार्यक्रम में हार्दिक अभिनंदन करता हूँ ।
डेयरी व्यवसाय भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ है| डेयरी पशुओं से हमें दूध के साथ-साथ गोबर का भी बहुमूल्य उत्पाद मिलता है| NDDB ने पिछले कुछ सालों से गोबर-गैस एवं गोबर आधारित अपशिष्ट प्रबंधन (waste management) इकोनॉमी मॉडल विकसित करने के लिये लगातार प्रयास किये हैं|
इस क्षेत्र में NDDB ने अपने अनुभव से यह पाया है की गोबर-गैस स्लरी का जैविक खाद के रूप में उपयोग से कृषि में व्यापक स्तर पर लाभ लेना संभव है| वर्तमान में जो परिवार खाना पकाने के लिये एल.पी.जी., लकड़ियों अथवा गोबर के उपलों पर निर्भर हैं, उनके लिये गोबर-गैस एक सरल, स्वच्छ और सस्ता रसोई ईंधन का विकल्प है जिससे खास कर ग्रामीण महिलाओं का जीवन सरल हो रहा हैं |
देश भर में गोबर आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण को व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए, गोबर आधारित जैविक खाद की संगठित बिक्री को बढ़ावा देने और खाद के कुशल प्रबंधन में आगे अनुसंधान के लिए, एनडीडीबी ने एक सहायक कंपनी “NDDB Mrida” की स्थापना की है|
NDDB के नेतृत्व में, “NDDB Mrida” और महाराष्ट्र के पुणे में स्थित “Sistema Bio” -गोबर-गैस कंपनी नें “गोबर से समृद्धि” कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत किसानों को घरेलू गोबर-गैस प्लांट जिसकी असल कीमत करीब 40,000 रुपये है सिर्फ 5 से 6 हज़ार की राशि में दिये जा रहें हैं|
यह बड़े हर्ष का विषय है की, पुणे दूध संघ (कात्रज डेयरी) और कोल्हापुर दूध संघ (गोकुल डेयरी) ने गोबर से समृद्धि कार्यक्रम का कार्यान्वयन पुणे और कोल्हापुर जिले में दिसंबर 2022 में शुरू किया और 5-5 हज़ार गोबर-गैस प्लांट लगाने का संकल्प लिया है|
आज जब “गोबर से समृद्धि” कार्यक्रम का लोकार्पण होने जा रहा हैं मुझे इस बात की खुशी हैं कि पुणे दूध संघ ने बड़ी तत्परता से लगभग 900 और कोल्हापुर दूध संघ नें 1300 गोबर-गैस प्लांट का इन्स्टालेशन भी पूरा कर लिया है| इसके साथ ही, NDDB के सहयोग से पुणे और कोल्हापुर दूध संघ ने गोबर-गैस स्लरी का प्रसंस्करण भी शुरू किया है जिससे विभिन्न तरह के जैविक खाद तैयार होंगे | मुझे पूर्ण विश्वास है की, कोल्हापुर और पुणे दूध संघ का यह मॉडल देश के अन्य डेयरी सहकारी संस्थाओं में भी विस्तार के लिए एक मजबूत प्रेरणास्रोत बनेगा|
पुणे और कोल्हापुर के अलावा “गोबर से समृद्धि” कार्यक्रम का प्रसार महाराष्ट्र में “मदर डेयरी” के माध्यम से नागपुर और वर्धा जिलों में और गोदावरी खोरे दुग्ध संघ, कोपरगाँव (गोदावरी डेयरी) के माध्यम से अहमदनगर जिले में किया जा रहा है| इसके साथ ही गुजरात में सूरत दुग्ध संघ (सुमुल डेयरी), राजस्थान में भीलवाड़ा डेयरी और उत्तर प्रदेश में हरित प्रदेश मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से मेरठ-मुजफ्फरनगर जिलों में भी यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है | इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के द्वारा एक वर्ष में कुल 40-50 हज़ार गोबर-गैस प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है|
यह कार्यक्रम “NDDB Mrida” के गोबर-गैस स्लरी के कृषि में उपयोग को बढ़ाने का एक प्रयास है| गोबर-गैस के व्यापक स्तर पर इस्तेमाल से पारंपरिक रसोई ईंधन पर होने वाले खर्च पर किसानों की बचत और गोबर-गैस स्लरी के उपयोग से रसायनिक खाद पर किसानों की निर्भरता कम होगी|
NDDB के इन दूरगामी प्रयासों के फलस्वरूप किसानों को दूध के साथ वैकल्पिक आमदनी का अवसर दिलाने, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, ग्रामीण स्तर पर स्वच्छता को बढ़ावा देने और देश को रसोई ईंधन और खाद में आत्म-निर्भरता के पथ पर आगे बढ़ाना संभव होगा| मुझे पूरा विश्वास हैं कि हमारे किसान भाइयो और बहनों की भागीदारी से ये पहल “स्वच्छ भारत” और “आत्मनिर्भर भारत” की यात्रा को पूरा करने की नई राह दिखाएगी|
Shishu Sanjeevani
आप सभी जानते हैं कि भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है और खाद्य उत्पादन में भी निरंतर वृद्धि कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद कई भारतीय परिवारों में कुपोषण, एक सतत समस्या बनी हुई है | राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey), Round 5 (2019-21) के अनुसार, भारत में पाँच वर्ष से कम उम्र के 35.5% बच्चे स्टंटिंग से पीड़ित है, 32.1% कम वजन के है और 19.3 प्रतिशत वेस्टिंग से प्रभावित हैं | यह हम सभी के लिए बहुत ही चिंता का विषय है|
बच्चों में इस कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए NDDB ने 2015-16 में "एनडीडीबी फाउंडेशन फॉर न्यूट्रिशन (NFN)" की स्थापना की | NFN अपने 'गिफ्टमिल्क' कार्यक्रम के तहत, डेरी सहकारिताओं के माध्यम से, सरकारी स्कूल के बच्चों को निशुल्क 200 मिलीलीटर fortified flavoured दूघ उपलब्ध कराता है। NFN महाराष्ट्र के नागपुर और गढ़चिरौली जिलों में गिफ्टमिल्क कार्यक्रम कार्यान्वित कर रही है |
अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाते हुए, NFN आंगनवाड़ी स्तर पर 04-06 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए एक नया कार्यक्रम - शिशु संजीवनी शुरू करने जा रहा है | शिशु संजीवनी एनडीडीबी द्वारा विकसित पोषक तत्वों से भरपूर एक एनेर्जेटिक आहार सप्लिमेंट है । इस प्रोटीन से भरपूर (18%) सप्लिमेंट की एक सर्विंग, बच्चों को लगभग 200 किलो कैलोरी ऊर्जा प्रदान करेगा|
जून 2022 में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सोमनाथ, गुजरात में शिशु संजीवनी का लांच माननीय केंद्रीय मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला जी के कर-कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ था |
शिशु संजीवनी के निर्माण के लिए पहला संयंत्र भंडारा दुग्ध संघ में 1 crore रुपये की लागत से स्थापित किया गया है | संयंत्र की स्थापना, एनडीडीबी और उसकी सहायक कंपनी Mother Dairy के वित्तीय सहयोग से की गई है |
नीति आयोग की योजना और मिशन के अनुरूप –NFN अपना पहला शिशु संजीवनी कार्यक्रम महाराष्ट्र के आकांक्षी जिला - गढ़चिरौली में करने जा रहा है । गढ़चिरौली के आईसीडीएस विभाग की सहायता से अहेरी ब्लॉक को परियोजना के कार्यान्वयन के लिए चुना गया है जहा 161 आंगनवाड़ी में 5000 बच्चें इस प्रोजेक्ट से लाभान्वित होंगे | भंडारा दुग्ध संघ द्वारा स्थानीय स्तर पर शिशु संजीवनी की आपूर्ति की जाएगी और स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से बच्चों को यह सप्लिमेंट निशुल्क प्रदान किया जाएगा।
आज हमारे बीच अहेरी प्रखंड से आई कुछ आंगनवाड़ी सुपरवाइजर और कार्यकर्ता बहनों का भी मैं अभिनंदन करता हूँ जो इस परियोजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं | NDDB इस परियोजना को देश के अन्य जरूरतमंद और आकांशी जिलों तक ले जाने का पूरा प्रयास करेगी |
मैं आश्वासन देता हूँ की एनडीडीबी हमारें किसानों की आय को बढ़ाने के लिए एवं दूध और दूध उत्पादों के माध्यम से लोगो खासकर बच्चों को उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करने के अपने मिशन पर सतत कार्यरत रहेगी |
इसके साथ ही मैं, NDDB की ओर से मैं पुणे दूध संघ, कोल्हापुर दूध संघ और भंडरा दूघ संघ तथा बड़ी संख्या मे आए हुए किसान भाइयो और बहनों को एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई देता हूँ |