माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने एनडीडीबी के हीरक जयंती वर्ष और श्री त्रिभुवनदास पटेल जी की जयंती के दौरान किसानोंन्मुख गतिविधियों का शुभारंभ किया।
माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने एनडीडीबी के हीरक जयंती वर्ष और श्री त्रिभुवनदास पटेल जी की जयंती के दौरान किसानोंन्मुख गतिविधियों का शुभारंभ किया।
22 अक्तूबर 2024, आणंद: माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 22 अक्तूबर 2024 को आणंद में एनडीडीबी के टी के पटेल सभागार में एनडीडीबी के हीरक जयंती वर्ष और श्री त्रिभुवनदास पटेल जी की जयंती के दौरान किसानोन्मुख गतिविधियों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, माननीय केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी एवं पंचायती राज मंत्री; प्रो एस पी सिंह बघेल, माननीय केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी और पंचायती राज राज्य मंत्री; श्री जॉर्ज कुरियन, माननीय केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी और अल्पसंख्यक मामले राज्य मंत्री; श्री राघवजीभाई पटेल, माननीय कृषि, पशुपालन, गौपालन और मत्स्यपालन मंत्री, गुजरात सरकार; श्री जगदीश विश्वकर्मा, माननीय सहकारिता राज्य मंत्री, गुजरात सरकार; श्री मितेशभाई पटेल, माननीय सांसद (लोकसभा), सुश्री अलका उपाध्याय, सचिव, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार एवं डॉ. मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी सहित डेरी एवं संबद्ध क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री अमित शाह ने, डेरी सहकारी आंदोलन शुरू करके राष्ट्र के प्रति श्री त्रिभुवन दास पटेल जी के निस्वार्थ समर्पण और योगदान पर प्रकाश डाला, जो आज लाखों डेरी किसानों की आजीविका का साधन बना हुआ है तथा महिला सशक्तिकरण एवं बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि डेरी सहकारिताओं का विस्तार और प्रसार नए क्षेत्रों में किया जाना चाहिए, जिसमें श्वेत क्रांति 2.0 एवं 2 लाख नई सहकारी समितियों का गठन प्रमुख भूमिका निभाएगा।
माननीय केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं सहकारिता मंत्री ने डेरी के माध्यम से समृद्धि लाने हेतु कार्यक्रमों की शृंखला को लागू करके श्वेत क्रांति लाने में एनडीडीबी द्वारा अपनी स्थापना के बाद से निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे बताया कि एनडीडीबी अब न केवल डेरी क्षेत्र में बल्कि फल और सब्जी जैसी संबद्ध गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि डेरी सहकारिताओं ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘सहकार- से- समृद्धि’ के विजन को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है तथा गोबर के प्रबंधन के लिए एक सुदृढ़ तंत्र का निर्माण किया है जो किसानों को अतिरिक्त आय, ईंधन और उर्वरक के मामले में लाभ प्रदान करने के अलावा अब किसानों को कार्बन क्रेडिट भी दे रहा है।
इस कार्यक्रम की शुरुआत माननीय केंद्रीय गृह मंत्रालय और सहकारिता मंत्री द्वारा आणंद में एनडीडीबी के नए कार्यालय भवन की आधारशिला रखने के साथ हुई। साथ ही उन्होंने अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं जैसे कि वडोदरा के इटोला में मदर डेरी के फल और सब्जी प्रसंस्करण संयंत्र और दिल्ली के नरेला में आईडीएमसी के पॉलीफिल्म संयंत्र की आधारशिला भी रखी। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में मदर डेरी के गिर घी और उत्तराखंड सहकारी डेरी महासंघ के बद्री घी का भी शुभारंभ किया गया, जो भारत पशुधन के ट्रेसिबिलिटी तंत्र का लाभ उठा रहे हैं।
माननीय केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने स्वेदेशी सेक्स सॉर्टेड सीमन, यूनिफाइड जीनोमिक चिप, किसानों के लिए जीनोमिक सेवाएं आदि जैसी कई नई पहलों के साथ दूध उत्पादन में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने डेरी सहकारी आंदोलन शुरू करने के लिए श्री त्रिभुवनदास पटेल जी की सराहना की और इस यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए सहकारिता मंत्रालय, पशुपालन और डेयरी विभाग और एनडीडीबी को धन्यवाद दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार संगठित क्षेत्र में अधिक दूध का संकलन करने की पहल का समर्थन करने जा रही है जिससे दूध और दूध उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और इस दिन के महत्व एवं उन कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला, जिसका उद्घाटन माननीय मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। अपने स्वागत भाषण के दौरान, डॉ. शाह ने उल्लेख किया कि एनडीडीबी, केंद्र सरकार के मार्गदर्शन और निरंतर सहयोग के साथ हमारे डेरी क्षेत्र को किसानों के लिए अधिक लाभकारी बनाने के साथ-साथ भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख देश बनाने के लिए नए नवाचार, पहल और गतिविधियां करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि अमित शाह जी का सहकारिता के प्रति विश्वास और समर्पण एनडीडीबी सहित सभी संस्थानों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत रहा है, जो सहकारिता के माध्यम से किसानों की समृद्धि लाने के लिए प्रयासरत हैं।
कार्यक्रम के दौरान, एनडीडीबी की योजना 'उत्पादक स्वामित्व वाली प्रोमिसिंग संस्थानों का पुनः सशक्तिकरण' के तहत माननीय मुख्य अतिथि द्वारा मणिपुर दुग्ध संघ को चेक सौंपकर वित्तीय सहायता भी दी गई। मदर डेरी ने उन किसानों को अर्जित लाभ भी साझा किया, जिनसे उन्होंने लद्दाख से खुबानी, हिमाचल प्रदेश से सेब और मेघालय से अनानास खरीदा था और इसे उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया था। इसके अलावा, देश में कार्बन क्रेडिट के मुद्रीकरण के लिए डेरी क्षेत्र में की गई इस प्रकार की प्रथम पहल के तहत राजस्थान और असम के डेरी किसानों को एनडीडीबी और सस्टेन प्लस खाद प्रबंधन कार्यक्रम के तहत भुगतान प्राप्त हुआ। यह सस्टेनेबल आधार पर कार्बन क्रेडिट के माध्यम से डेरी किसानों के लिए अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके अलावा, ऑर्गेनिक्स सहित डेरी मूल्य शृंखला में आपसी विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए, जो इस क्षेत्र को आगे ले जाने में मदद करेंगे। इन समझौते में : पशु स्वास्थ्य और स्थिरता में नवाचार पर ध्यान केंद्रित करते हुए वन-हेल्थ में अत्याधुनिक अनुसंधान करने के लिए एनडीडीबी और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के बीच सहयोग; ऑर्गेनिक उत्पादों के वितरण के साथ-साथ ऑर्गेनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए मदर डेरी व एनडीडीबी मृदा लिमिटेड के साथ राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड के बीच सहयोग; ऑर्गेनिक उर्वरकों के साथ-साथ सस्टेनेबल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने हेतु ग्रामीण गतिशीलता के लिए कम्प्रैंड बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए अमूल और महेसाणा दूध संघ के साथ एनडीडीबी और सुजुकी आर एंड डी सेंटर इंडिया (SRDI) के बीच सहयोग; बेहतर संसाधन प्रबंधन के लिए चारा संसाधनों का आकलन करने हेतु रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करने के लिए एनडीडीबी और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC), इसरो के बीच सहयोग शामिल हैं।