उत्तर प्रदेश सरकार, पीसीडीएफ एवं एनडीडीबी ने माननीय मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों पर किए हस्ताक्षर: उत्तर प्रदेश में डेयरी क्षेत्र को मिलेगी नई ऊर्जा
उत्तर प्रदेश सरकार, पीसीडीएफ एवं एनडीडीबी ने माननीय मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों पर किए हस्ताक्षर: उत्तर प्रदेश में डेयरी क्षेत्र को मिलेगी नई ऊर्जा
गोरखपुर, कानपुर, कन्नौज एवं अम्बेडकरनगर स्थित डेयरी तथा पशु आहार संयंत्र को 10 वर्षों के लिए एनडीडीबी को सौंपा
आणंद, 25 जून 2025: एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, उत्तर प्रदेश सरकार, प्रादेशिक सहकारी डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) तथा राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने डेयरी क्षेत्र के विकास हेतु समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। यह कार्यक्रम 25 जून 2025 को लखनऊ में आयोजित हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, प्रधान सचिव श्री अमित कुमार घोष, दुग्ध आयुक्त श्री राकेश कुमार मिश्र, एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री वैभव श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कन्नौज, गोरखपुर और कानपुर स्थित तीन डेयरी संयंत्रों तथा अम्बेडकरनगर में स्थित एक पशु आहार संयंत्र को दस वर्षों की लीज़ पर एनडीडीबी को सौंपा गया है। इन संयंत्रों को अब अधिक कुशल और सतत् संचालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एनडीडीबी को सौंपा जा रहा है । इस रणनीतिक कदम से संबंधित क्षेत्रों के डेयरी किसानों को कई लाभ होने की उम्मीद है,जैसेः- दूध संकलन के लिए समय पर और पारदर्शी भुगतान, उच्च गुणवत्ता वाले पशु चारें की उपलब्धता और बेचे गए दूध के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना।
अपने संबोधन में माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि करना, रोजगार के नए अवसर सृजित करना और पशुधन के पोषण स्तर को बेहतर बनाना भी है।यह समझौता राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि समग्र विकास के चलते किसानों का जीवन स्तर सुधर रहा है। यह एमओयू उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, रोजगार तथा दूध मूल्य शृंखला को और अधिक सशक्त बनाएगा।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी नेतृत्व में एनडीडीबी डेयरी किसानों की समृद्धि और आय बढ़ाने में एक सकारात्मक भूमिका निभा रही है। उन्होंने एनडीडीबी द्वारा डेयरी पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के प्रयासों की सराहना की और उत्तर प्रदेश में एनडीडबी के सहयोग से बने आठ दुग्ध उत्पादक संगठनों का उदाहरण दिया, जिनमें ‘बलिनी’ भी शामिल है।‘बलिनी’ अब बुंदेलखंड का सबसे बड़ा महिला नेतृत्व वाला दुग्ध उत्पादक संगठन बन चुका है, जिसमें लाखों किसान महिलाएं जुड़ी हैं और यह उनके आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम योगदान दे रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वाराणसी दुग्ध संघ में वर्ष 2021 से एनडीडीबी के प्रबंधन के तहत् उल्लेखनीय सुधार देखने को मिले हैं। वर्तमान में यह दुग्ध संघ 30,000 दुग्ध उत्पादकों से प्रतिदिन 1 लाख लीटर से अधिक दूध को संकलित कर रहा है तथा 2 लाख लीटर प्रतिदिन की प्रसंस्करण क्षमता का पूर्ण उपयोग कर रहा है। इस दुग्ध संयंत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु वहां गोबर आधारित बायोगैस मॉडल विकसित किया गया है, जो देश के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है। मुख्यमंत्री जी ने पीसीडीएफ और उत्तर प्रदेश के अन्य दुग्ध संघों से आग्रह किया कि वे वाराणसी मॉडल से सीख लें और उसकी सफलता को दोहराएं।
इस समारोह में बोलते हुए, एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने आभार व्यक्त किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय मुख्यमंत्री जी के निरंतर मार्गदर्शन और दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य भर में अनेक किसान-केंद्रित कार्यक्रमों को लागू किया गया हैं, जिससे कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों में बदलाव आया है। डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, उत्तर प्रदेश श्वेत क्रांति 2.0 के राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है, जिसका नेतृत्व एनडीडीबी द्वारा केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के सहयोग से किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादकों को सशक्त बनाना और सहकारी संस्थाओं को सुदृढ़ करना है।
एनडीडीबी तथा इसकी सहायक संस्था एनडीडीबी डेरी सर्विसेज ने राज्य सरकार के सहयोग से आठ एमपीओ की स्थापना की है। ये एमपीओ वर्तमान में 12,000 से अधिक गांवों में फैले 5 लाख से अधिक किसान सदस्यों से प्रतिदिन 18 लाख लीटर से अधिक दूध संकलित कर रहे हैं। इनमें से पांच एमपीओ की स्थापना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत की गई है, जिसने उनकी स्थापना एवं संचालन हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय गोकुल मिशन, एनपीडीडी, जेईसीए परियोजना तथा चारा एफपीओ जैसी विभिन्न केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं एनडीडीबी के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही हैं।