श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी का भाषण - अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, मोढेरा 21 जून, 2022
- Virtual माध्यम से हम सब के साथ जुड़े, देश विदेश में मनाए जा रहे इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के जनक एवं प्रेरणास्रोत , हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी
- Virtual माध्यम से हम से जुड़े माननीय मुख्यमंत्री, गुजरात सरकार, श्री भूपेंद्र पटेल जी,
- माननीय केंद्रीय मंत्री, मतस्य पालन , पशुपालन एवं डेरी मंत्रालय, भारत सरकार श्री परषोत्तम रूपाला जी,
- श्री ऋषिकेश पटेल, माननीय मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, गुजरात सरकार
- श्री देवाभाइ पी मलम, माननीय राज्य मंत्री , पशुपालन एवं गौ संवर्धन, गुजरात सरकार
- श्री अतुल चतुर्वेदी , सचिव , पशुपालन एवं डेरी , भारत सरकार
- श्री अशोक चौधरी , अध्यक्ष, दूधसागर डेरी, मेहसाना
- विभिन्न दूध संघों के अध्यक्ष , Board Members
- DAHD, Government of Gujarat, Local administration, NDDB , GCMMF, मेहसाना दूध संघ के officers
- किसान भाइयों और बहनों
आज आप सबों का इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है ।
भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों (oldest Cultures) में से एक है और योग हमारी भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम पहचान (Oldest identity) है ।
युगों - युगों से चला आ रहा यह योग हमारे ऋषि – मुनियों , साधू संतों की अनवरत साधना , तपस्या का परिणाम है ।
योग सम्पूर्ण मानवता को भारतीय संस्कृति की ओर से वो अमूल्य उपहार है,
जो शरीर और मन (Mind and Body)
कार्य और विचार, ( Work and Thought)
संयम और संतुष्टि तथा (Moderation and Satisfaction)
मनुष्य और प्रकृति (Human and Nature)
के बीच एक सामंजस्य (Balance) स्थापित करता है, स्वास्थ्य एवं कल्याण प्रदान करता है।
हर भारतीय के लिए यह गर्व का विषय है कि 2015 से हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों के परिणामस्वरूप 21 जून को विश्व के हर कोने में योग दिवस जोर शोर से मनाया जाता है।
इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के थीम- Yoga for Humanity, मानवता के लिए योग की घोषणा 30 मई 2022 को अपने मासिक "मन की बात" संबोधन में हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी ।
इसीलिए आज हम सभी एक साथ इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 को मनाने के लिए मोढेरा में इस ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के प्रांगण में ईकट्ठा हुए हैं ।
मानवता के लिए योग कितना अमूल्य है इसका उदाहरण हमें COVID-19 pandemic के दौरान देखने को मिला ।
COVID-19 pandemic मानव जाति के कठिनतम समयों में से एक रहा है । इसने न केवल लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया बल्कि इससे कई प्रकार के मनोवैज्ञानिक तथा मानसिक स्वास्थय संबन्धित समस्याएँ भी उत्पन्न हुई । महामारी से संबंधित प्रतिबंधों ने तनाव, चिंता और अवसाद को जन्म दिया और इन मुद्दों से निपटना किसी भी चिकित्सक (Doctor) के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है ।
ऐसे कठिन समय में योग का अभ्यास न केवल करोड़ों लोगों के मन और शरीर को लाभ पहुंचा रहा है, बल्कि लोगों के अंदर एक दूसरे के प्रति प्रेम, उदारता और करुणा का भाव भी पैदा कर रहा है। आज के इस दौर में जब विभिन्न राष्ट्रों के मतभेदों के कारण विश्व शांति को एक खतरा महसूस हो रहा है , मुझे लगता है की योग ही वह सेतु है , ब्रिज है , जो पूरी मानवजाति को साथ ला सकता है और एक Healing Touch प्रदान कर सकता है ।
दूसरी बात जो मैं कहना चाहूँगा, वह है, हम सब की आज की इस भागदौड़ से भरी जिंदगी modern life style (आधुनिक जीवनशैली ), जिसका परिणाम है कि न चाहते हुए भी हम में से कई लोग दबाव, तनाव, रोगग्रस्त, नींद नहीं आना , depression, जैसी मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं ।
आप सब यह मानेंगे स्वास्थ्य का जीवन में बहुत महत्व है। किसी ने बहुत ठीक कहा है: "स्वास्थ्य ही सब कुछ नहीं है, किन्तु स्वास्थ्य के बिना सब कुछ शून्य है, Zero है” । स्वास्थ्य से मेरा मतलब सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं है बल्कि मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी है । खुशी की बात यह है योगा का इन सारे स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है ।
यदि हम नियमित रूप से योग का अभ्यास करेंगे तो हमारे शरीर में सकारात्मक बदलाव (Positive Change) होगा जिससे कुछ ऐसी बीमारियां जिन्हें हम Life Style diseases कहते है, बिलकुल समाप्त हो जाएंगी या कम हो जाएंगी और हम अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य की ओर बढ़ेंगे ।
योग का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है । Generally हममें ज्यादतार लोग अपने मन को control करने के बजाय , अपने मन के द्वारा ही controlled होते हैं , जो बहुत सारी बीमारियों और दु:ख का कारण बनता है । योग का अभ्यास हमें हमारी negative tendencies/nature से दूर करता है और जीवन में समस्याओं के बेहतर ढंग से प्रबंध करने में सहायता करता है।
अगर समाज की दृष्टि से देखें तो योग के अभ्यास से हमारा सामाजिक स्वास्थ्य भी अच्छा होता है । सामाजिक स्वास्थ्य का अर्थ है स्वयं अपने अंदर ही खुश होने की और अन्य लोगों की खुशी बनाने, रखने की योग्यता है। इसका अर्थ है अन्य लोगों के साथ वास्तविक संपर्क स्थापित करना, समाज में Responsible बनना और समाज के हित के लिए कार्य करना।
जिन गुणों से हम वास्तव में मानव बनते हैं , वे देने, समझने, और क्षमा करने की योग्यताएं भी हमें योग के माध्यम से मिलती हैं । प्राणायाम , ध्यान, मंत्र, सकारात्मक विचार और सहनशीलता हम सब को आध्यात्मिक रूप से ऊपर उठाते हैं और हमारा आध्यात्मिक स्वास्थ्य अच्छा होता है । योग ही हमें यह अनुभूति देता है कि हम सभी अपने मूल रूप में एक ही है और ईश्वर से संबंध रखते हैं।
अंत में मैं यहाँ मौजूद हमारे किसान भाइयों एवं बहनों से कहना चाहूँगा कि आपके अपने स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में, एक स्वतंत्र और सुखी जीवन के बारे में निर्णय, आप ही के हाथों में है।
अगर हम दृढ़ निश्चय के साथ नियमित रूप से योग का अभ्यास करेंगे तो हम निश्चित रूप से हर तरह के स्वास्थ्य को पाने में सफल होंगे ।
मैं पुनः आप सब का इस कार्यक्रम में स्वागत करता हूँ और योग के माध्यम से आप सब के जीवन में सुख, सफलता, स्वास्थ्य, आनन्द, समृद्धि आए ऐसी कामना करता हूँ और ईश्वर की अनुकंपा चाहता हूँ।
धन्यवाद