एनडीडीबी ने गुजरात में जीनोमिक चयन को क्रियान्वित करने के लिए जीसीएमएमएफ के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
एनडीडीबी ने गुजरात में जीनोमिक चयन को क्रियान्वित करने के लिए जीसीएमएमएफ के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
18 मई 2021, आणंद: एनडीडीबी, जीसीएमएमएफ और गुजरात के दूध संघों ने जीनोमिक चयन के लिए संदर्भ आबादी में वृद्धि करने और गुजरात के किसानों को श्रेष्ठ आनुवंशिकी उपलब्ध कराने के लिए सहयोग करने का निर्णय लिया है। श्री मीनेश शाह, कार्यपालक निदेशक, एनडीडीबी और श्री आर एस सोढ़ी, प्रबंध निदेशक, जीसीएमएमएफ ने आणंद में 18 मई 2021 को एक वर्चुअल समारोह के दौरान इस संबंध में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए । गुजरात के दूध संघों ने इस समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह में भाग लिया ।
इस अवसर पर श्री शाह ने कहा कि जीनोमिक चयन संदर्भ आबादी, जिनके परफार्मेंस की रिकार्डिंग और जीनोटाइप की गई है, की साइज पर निर्भर करता है । संदर्भ आबादी में वृद्धि के साथ जीनोमिक चयन की शुद्धता में वृद्धि होती है।
श्री सोढ़ी ने बताया कि जीनोमिक चयन में जीसीएमएमएफ और गुजरात के दूध संघ अहम भूमिका निभाएंगे। कृत्रिम गर्भाधान के व्यापक कवरेज और दूध संघों द्वारा वीर्य के उत्पादन क्षमता में वृद्धि से भी किसानों को श्रेष्ठ आनुवंशिकी का तेजी से प्रसार करने में मदद मिलेगी।
एनडीडीबी, जीसीएमएमएफ और दूध संघ रिकॉर्डिंग हेतु एसओपी को विकसित करने, आंकड़ों का विश्लेषण करने और एकत्र किए गए आंकड़ों की गुणवत्ता की निगरानी करने के लिए मिलकर काम करेंगे । अगले पांच वर्षों में लगभग 1.9 लाख पशुओं की रिकॉर्डिंग उनके दूध उत्पादन की क्षमता, फैट, एसएनएफ और दूध के प्रोटीन तत्व, पशुओं के प्रजनन की निरंतरता, पशु रोग, पशु के शरीर के प्रकार, पशु के व्यवहार इत्यादि के लिए की जाएगी । रिकॉर्डेड पशुओं में से 80000 से अधिक पशुओं की जीनोटाइपिंग की जाएगी और संबंधित आंकड़ों से अधिक सटीक जीनोमिक प्रजनन मूल्य का आकलन करने में मदद मिलेगी । इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण नस्लें जैसे गिर, कांकरेज, और संकर नस्ल की गायें और महेसाना, जाफराबादी, मुर्रा भैंसें शामिल होंगी। यह परिकल्पना की गई है कि वे सभी सांड़, जो गुजरात के वीर्य केंद्रों में प्रवेश करेंगे, आनुवंशिक गुण सुनिश्चित करने के लिए उन्हें जीनोमिक रूप से चुना जाएगा ।
इस परियोजना से गायों और भैंसों में न केवल उनके दूध उत्पादन की क्षमता में वृद्धि के लिए शीघ्र आनुवंशिक प्रगति होगी बल्कि, तेजी से प्रजनन में निरंतरता आएगी, रोग में कमी आएगी और उपस्थिति में सुधार में होगा । वीर्य केंद्रों के अलावा, किसान बछियों का चयन करने के लिए जीनोमिक्स का भी उपयोग कर सकेंगे । एनडीडीबी के माध्यम से केंद्र सरकार के वित्त पोषण के अलावा, जीसीएमएमएफ और दूध संघ भी इस कार्यक्रम के लिए परफार्मेंस रिकॉर्डिंग, जीनोटाइपिंग और जनशक्ति के प्रशिक्षण के लिए सहयोग देंगे ।
एनडीडीबी 2014 से जीनोमिक चयन के क्रियान्वयन की दिशा में निरंतर कार्यरत है। संतति परीक्षण और वंशावली चयन परियोजनाओं (जो पूरे देश के प्रमुख नस्लों के लिए क्रियान्वित की जा रही हैं) के माध्यम से 70000 से अधिक पशुओं (उत्पादन रिकॉर्ड के साथ) के रक्त के नमूने एकत्रित किए गए हैं । एनडीडीबी ने गायों और भैंसों की जीनोटाइपिंग के लिए कस्टम जीनोटाइपिंग चिप क्रमशः इंडसचिप और बफचिप का विकास किया है। इन चिपों का उपयोग करके 20000 से अधिक पशुओं की जीनोटाइपिंग की गई है। जीनोमिक आंकड़ों और परफार्मेंस रिकॉर्ड दोनों का उपयोग करके, जीनोमिक प्रजनन मूल्यों (एक आकलन, जो पशु की आनुवंशिक क्षमता को प्रदर्शित करता है) का आकलन किया जाता है । वितरण (वीर्य केंद्रों के लिए) से पहले, गिर, एचएफसीबी, जेसीबी नस्ल के सांड़ों और मुर्रा नस्ल के भैंसों का जीनोमिक ढंग से चयन किया जाता है।