माननीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने एनडीडीबी द्वारा विकसित ई-गोपाला के वेब संस्करण एवं आईमैप वेब पोर्टल का लोकार्पण किया
माननीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने एनडीडीबी द्वारा विकसित ई-गोपाला के वेब संस्करण एवं आईमैप वेब पोर्टल का लोकार्पण किया
28 अगस्त 2021, आणंद: श्री परुषोत्तम रूपाला, माननीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने 28 अगस्त, 2021 को आणंद में श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की उपस्थिति में एनडीडीबी द्वारा विकसित ई-गोपाला के वेब संस्करण एवं आईमैप वेब पोर्टल का लोकार्पण किया ।
श्री रूपाला ने कहा कि एनडीडीबी द्वारा विकसित ई-गोपाला डेरी किसानों को डेरी पशुओं की बेहतर उत्पादकता से संबन्धित जानकारी रियल टाइम पर प्रदान करता है । उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री के डिजीटल भारत के सपने के अनुरूप, एनडीडीबी दूध उत्पादकों के लिए प्रौद्योगिकी पर आधारित गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है । उनहोंने आगे कहा की कृषि तथा सहायक गतिविधियाँ किसानो की आय दोगुना करनेमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं । माननीय मंत्रीजी ने कहा कि दुधारू पशुओं उत्पादकता बढ़ने से स्वत: ही किसानों की आय में वृद्धि होगी । श्री रूपाला ने कोवैक्सीन की उत्पादन प्रक्रिया में इंडियन इम्यूनोलौजिकल्स (एनडीडीबी की सहायक कंपनी) की भूमिका सराहना की और कहा की यह देश के लिए महान सेवा है ।
श्री शाह ने माननीय मंत्री को डेरी सहकारी आंदोलन, एनडीडीबी द्वारा क्रियान्वित राष्ट्रीय डेरी योजना चरण 1 की उपलब्धियों, राष्ट्रीय गोकुल मिशन परियोजनाओं, दूधारू पशुओं की उत्पादकता वृद्धि, एनडीडीबी के खाद प्रबंधन तथा सौर ऊर्जा पहल, मधुमक्खी पालन को डेरी सहकारिताओं से जोड़ना, एफपीओ का गठन, आईसीटी पर आधारित सूचना नेटवर्क का निर्माण और डेरी बोर्ड की विभिन्न अभिनव गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी । उन्होंने डेरी क्षेत्र के विकास को बढ़ाने और दुग्ध उत्पादकों की आजीविका में सुधार लाने के तरीकों पर चर्चा की। माननीय मंत्रीजी ने उल्लेख किया कि एनडीडीबी के प्रयासों ने दुग्ध उत्पादकों को यथा अपेक्षित आत्म विश्वास दिलाया है क्योंकि उन्हें उपभोक्ता मूल्य का उचित हिस्सा मिल रहा है ।
अध्यक्ष एनडीडीबी ने उल्लेख किया कि एनडीडीबी द्वारा विकसित ई-गोपाला डेरी किसानों को डेरी पशुओं की उत्पादकता मे बेहतरी से संबन्धित जानकारी रियल टाइम पर प्रदान करता है। यह प्लैटफ़ार्म किसानों को उनके पशुधन का प्रबंधन करने में मदद करता है, इसमें रोग मुक्त जर्मप्लाज्म के सभी रूपों (वीर्य, भ्रूण, आदि) की खरीद और बिक्री शामिल है; गुणवत्तापूर्ण प्रजनन सेवाओं (कृत्रिम गर्भाधान, पशु प्राथमिक चिकित्सा, टीकाकरण, उपचार आदि) की उपलब्धता से संबन्धित जानकारी प्रदान करता है और पशु पोषण के लिए किसानों का मार्गदर्शन करता है, उपयुक्त आयुर्वेदिक ईवीएम पद्धति के उपयोग से पशुओं के उपचार में मदद करता है। इस प्लैटफ़ार्म द्वारा किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में सूचित करने हेतु एक अलर्ट (टीकाकरण, गर्भावस्था निदान, प्रसव आदि के लिए नियत तारीख संबन्धित) भेजने की भी व्यवस्था है ।
एनडीडीबी का आईमैप वेब पोर्टल इनाफ से जुड़ी परियोजनाओं की भौगोलिक प्रस्तुति करने वाली एक वैबसाइट है (जिसमें कुल पशु आबादी के प्रति राज्य तथा जिलेवार पशु पंजीकरण कवरेज की जानकारी प्रदर्शित होती है), पीएसके सेवा (पशु पंजीकरण, कृत्रिम गर्भाधान, गर्भावस्था निदान, ब्यान्त, टीकाकरण, पशु उपचार और अनुवर्ती कारवाई जैसी विभिन्न सेवाओं के प्रति टिकट की स्थिति प्रदर्शित करता है), एनएआईपी (भौगोलिक रूप से कृत्रिम गर्भाधान से संबंधित भारत सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं को प्रदर्शित करता है) और एनएडीसीपी (भौगोलिक रूप से पशु रोग नियंत्रण से संबन्धित भारत सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं को प्रदर्शित करता है)। यह वैबसाइट विभिन्न परियोजनाओं और सरकारी योजनाओं के कवरेज और प्रगति की रियल टाइम निगरानी की सुविधा प्रदान करेगी ।
एनडीडीबी और उसकी सहायक कंपनियों ने हमेशा लाखों छोटे दूध उत्पादकों के लिए डेरी को एक लाभदायक व्यवसाय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । डेरी बोर्ड सहकारी रणनीति को अपनाकर डेरी किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है ।